नई दिल्ली : दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने बड़ा ऐलान किया. दिल्ली सरकार ने महिलाओं को मेट्रो और डीटीसी बसों में फ्री यात्रा का तोहफा दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज (सोमवार) प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2 बड़े फैसले लिए गए हैं. दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं को किराए से छुटकारा दिलाने के लिए नि:शुल्क यात्रा का फैसला किया है, इससे उन्हें सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. महिलाओं को फ्री यात्रा देने में डीएमआरसी को होने वाले नुकसान की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सक्षम महिलाएं चाहें तो टिकट खरीद सकती हैं. उन्हें सब्सिडी का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. केजरीवाल ने कहा कि दो से तीन महीने के अंदर इसे लागू कर दिया जाएगा. दूसरे फ़ैसले के बारे में जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा की डेढ़ लाख सीसीटीवी लगने का टेंडर दिया था, 70 हजार सीसीटीवी का सर्वे हो चुका है. केजरीवाल ने कहा कि 8 जून से कैमरे लगेंगे और दिसंबर तक लगने की उम्मीद है.
महिलाओं को मुफ़्त यात्रा कराने सम्बंधी योजना के बारे में बताते हुए केजरीवाल ने कहा की मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसदी महिलाएं होती हैं. इसके मुताबिक मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर करीब एक हजार करोड़ प्रतिवर्ष का खर्च आएगा जबकि करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा. अनुमान है कि महिलाओं के लिए दिल्ली मेट्रो और डीटीसी की बसों में इस योजना को लागू करने में सरकार पर प्रतिवर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. इस सुविधा को लागू करने में आने वाले खर्च की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी.
दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे पूछा है कि इस योजना को कैसे लागू किया जा सकता है. इसके लिए मुफ्त पास की व्यवस्था होगी या कोई अन्य विकल्प होगा.
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को नई दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि उनकी सरकार बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज को घटाने के लिए शहर के विद्युत विनियामक के साथ बात कर रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार से परामर्श किए बगैर दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने पिछले साल विद्युत शुल्क का फिक्स्ड चार्ज बढ़ा दिया था.